An oil painting by the German artist Gerhard Richter. |
फैलाया हुआ पीला इकरार इंकार
हल्का हरा दुःख लाल सुख में मिला हुआ
सफ़ेद सच सबसे आगे सबके पीछे ओझल
कुछ हल्की, कुछ गहरी रेखाएं जैसे नयी, पुरानी उम्मीदें
कुछ मिटते, कुछ उभरते हुए आकार जैसे नए, पुराने सपने
अधूरी अभिव्यक्ति
एक उभरती आकृति
न ख़त्म होती तस्वीर
जैसे ज़िन्दगी
Bahut khoobsurat kavita h..Jee karta hai koi tasveer banau.. rangon aur lakeeron se...
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