जब तक कि चेतना पदार्थ में वापस नहीं लौटती
हमें दोहराते रहना होगा
कि दुनिया में कोई छोटे और बड़े कवि नहीं- सिर्फ मनुष्य हैं,
कुछ ऐसे जो कविताएं ऐसे लिखते हैं
जैसे वे पैसा कमाते हैं
या वेश्याओं के साथ सोते हैं
और कुछ ऐसे मनुष्य , जो ऐसे लिखते हैं
जैसे प्रेम के चाकू ने उनका दिल चीर दिया हो...........
हमें दोहराते रहना होगा
कि दुनिया में कोई छोटे और बड़े कवि नहीं- सिर्फ मनुष्य हैं,
कुछ ऐसे जो कविताएं ऐसे लिखते हैं
जैसे वे पैसा कमाते हैं
या वेश्याओं के साथ सोते हैं
और कुछ ऐसे मनुष्य , जो ऐसे लिखते हैं
जैसे प्रेम के चाकू ने उनका दिल चीर दिया हो...........
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